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वाशिंगटन: अमेरिका और चीन (US-China) के बिगड़ते रिश्तों के बीच अब ट्रंप (Trump)प्रशासन ने चीन के खिलाफ ऐसा कदम उठाया है, जिससे दोने देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है. अमेरिका ने अन्य देशों में दुष्प्रचार कर रहे अधिकारियों के वीजा पर बैन लगा दिया है. अमेरिका ने साफ किया है कि वो चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (Chinese Communist Party)और संयुक्त मोर्चा कार्य विभाग के उन अधिकारियों को अमेरिका में नहीं आने दिया जाएगा जो दूसरे देशों को प्रभावित करने के लिए अभियान चला रहे हैं.
मार्क्सवादी विचारधारा फैलाना चाहता है चीन
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ (Mike Pompeo)ने मुताबिक कि ये बैन चीन(China) की कम्युनिस्ट पार्टी (Chinese Communist Party) के अधिकारियों और ‘संयुक्त मोर्चा कार्य विभाग’ की ओर से दुष्प्रचार अथवा प्रचार अभियान में शामिल होने वाले हर एक व्यक्ति पर लागू होगा. दुनिया पर चीन के बढ़ते दबदबे पर पोम्पिओ (Mike Pompeo)ने ये भी कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी (Chinese Communist Party)लंबे समय से मार्क्सवादी-लेनिन विचारधारा को फैलाना चाहती है और पूरी दुनिया में अपना दबदबा कायम करना चाहती है.
CCP पर हैं हिंसा,चोरी,तोड़फोड़ जैसे आरोप
अमेरिका का कहना है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (Chinese Communist Party) के संयुक्त मोर्चा कार्य विभाग पर धमकी देने, शारीरिक हिंसा करने , चोरी, व्यक्तिगत जानकारी को सार्वजनिक करने, जासूसी और तोड़फोड़ करने जैसे कई हैं. अमेरिका (America)का आरोप है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) हमेशा से ही घरेलू राजनीतिक मामलों, शैक्षिक स्वतंत्रता, निजता और कारोबारी गतिविधियों में दखल देता आई है.
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अंतराष्ट्रीय नियम तोड़ा तो नही मिलेगा वीजा
चीन पर सीधा निशाना साधते हुए पोम्पियों ने कहा, ‘‘चीन इन गतिविधियों के जरिए नेताओं, विदेशों में मौजूद चीनी समुदायों, ऐकैडिमिक क्षेत्र के लोगों और अमेरिका और अन्य देशों में रह रहे सिविल सोसाइटी ग्रुप को कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के सत्ताधारी नीतियों को अपनाने के लिए मजबूर करने की कोशिश करता है.अमेरिका द्वारा चीन के खिलाफ उठाए गए इस सख्त कदम का मकसद यह दिखाना है कि जो भी अंतराष्ट्रीय सौहार्द (World Order)के लिए बनाए गए नियम कानूनों का उलंघन करेगा, अमेरिका में उसका स्वागत नही है.
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