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जयपुर: एक तरफ राज्य में कोरोना (Coronavirus) लगातार बढ़ रहा है. वहीं, दूसरी ओर इस संकट के बीच स्कूल फीस (School Fees) पर फसाद थमने का नाम नहीं ले रहा. अर्धवार्षिक परीक्षा (Midterm Test) से पहले निजी स्कूल फीस को लेकर पैरेट्स (Parents) पर दबाव बना रहे हैं.
स्कूल फीस पर फसाद, कब मिलेगा इंसाफ-
स्कूल फीस पर फसाद, कब मिलेगा इंसाफ..कोरोना की मुश्किल घडी में लाखों पैरेंट्स के मन में इस वक्त यही सवाल उठ रहे हैं कि ऐसी मुश्किल घड़ी में फीस जमा करवाए या नहीं, क्योंकि पढाई घर तो घर बैठे हो रही है, ऐसे में स्कूलों को इस साल पूरी फीस क्यों भरी जाए. हालांकि फीस का मामला हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) में चला गया है, लेकिन इसके बावजूद अभिभावक चाहते है कि इस मामले में सरकार दखल दें. आज स्कूल फीस को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई थी, लेकिन आज सुनवाई टल गई. अब अगली सुनवाई सोमवार को होगी.
अद्धवार्षिक परीक्षा के बहाने फीस वसूली-
निजी स्कूल संचालक अद्धवार्षिक परीक्षा के बहाने स्कूल की पूरी फीस भरने के लिए पैरेंट्स पर दबाव बना रहे हैं. अभिभावकों का कहना है शिक्षा मंत्री गोविंदसिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) से मुलाकात हुई थी. उन्होंने कहा था कि अभी किसी भी परीक्षा का कोर्स वेल्यूवल नहीं है. ऐसे में यदि परीक्षा का कोर्स ही वेल्यूवल नहीं है तो अद्धवार्षिक परीक्षा क्यों हो रही है और हम फीस क्यों जमा करवाए. स्कूल संचालक अद्धवार्षिक परीक्षा से पहले फीस जमा करवाने को कह रहे हैं. यदि परीक्षा से पहले स्कूल फीस जमा नहीं करवाई तो स्टूडेंस को परीक्षा में बैठने नहीं दिया जाएगा.
सरकार से आस, स्कूल फीस पर दखल दे-
अभिभावकों की स्कूल फीस मामले को लेकर पूरी आस है. उनका कहना है कि इस मामले को लेकर सरकार (Rajasthan Government) को दखन देना चाहिए और स्पष्ट आदेश निकालने चाहिए. ताकि कोरोना की मुश्किल घडी में बच्चों की पढाई का नुकसान ना हो.
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