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मृत्युंजय मिश्रा/बोकारो: जान हथेली पर रखकर किस तरीके से लोग रेलवे फाटक को पार करते हैं बोकारो में इसका उदाहरण देखने को मिल जाता है. रेलवे फाटक है चलती ट्रेन है, चलती माल गाड़ी है लेकिन फिर भी लोग खतरे से खेलने में बाज नहीं आ रहे हैं. थोड़ी सी लापरवाही कभी भी आफत बन सकती है और जान जा सकती है.
इस बात को जानकर भी लोग किस तरीके से बंद रेलवे फाटक के पास अपनी गाड़ियों को पार करते नजर आ रहे हैं. ट्रेन आने की सूचना और माल गाड़ी आने की सूचना पर रेलवे फाटक तो बंद कर दिया जाता है लेकिन लोग हैं कि मानता नहीं और रेलवे फाटक में भी बाइक को पार करते हैं और जान को जोखिम में डालते हैं.
बोकारो में इन दिनों प्राय रेलवे फाटक में यही दृश्य देखा जा रहा है. जब फाटक को वहां स्थित गार्ड द्वारा बंद कर दिया जाता है फिर भी लोग ठहरने के बजाय कुछ लोग जान को जोखिम में डालकर बंद फाटक में ही अपने बाइक को पार करते हुए आगे बढ़ जाते हैं. यह लापरवाही कभी भी जान को जोखिम में डाल सकता है फिर भी लोग इस बात को नहीं समझ पा रहे हैं कुछ लोगों को प्राय ऐसे काम करते हुए देखा जा रहा है जो किसी खतरे से कम नहीं.
बोकारो के बेरमो इलाके में इसी तरह रेलवे फाटक बंद होने के बाद लोगों को पार करते हुए देखा गया तो वही बोकारो सिटी से चंद्रपुरा को जोड़नेवाली सड़क में भी कई जगह पर बंद रेलवे फाटक के पास से लोगों को पार करते हुए देखा गया.
जान को खतरा है यह पार करने वाले भी मानते हैं कुछ तो पैदल चल कर के ठीक चलती हुई मालगाड़ी के सामने ही खड़ा हो जाता है तो कोई बाइक लेकर के बंद रेलवे फाटक को पार करते ठीक मालगाड़ी के सामने पहुंच जाता है. लोग भी मानते हैं यह काफी खतरनाक है लेकिन फिर भी यह काम करते हैं.
वही फाटक पर चौकीदारी कर रहे हैं कर्मचारी का कहना है कि कुछ लोग ऐसा लगातार कर रहे हैं जो जान को जोखिम में डाल रहे हैं लेकिन क्या करें बार बार बोलने से भी सुनता नहीं है.
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