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जयपुर: नगर निगम जयपुर ग्रेटर के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता नितिन शर्मा को रिलीव होने के बावजूद चाय की थड़ी पर बैठकर फाइल निकालना भारी पड़ गया. स्थानीय निकाय निदेशक ने नितिन शर्मा को नोटिस जारी कर 3 दिन में स्पष्टीकरण मांगा है. शर्मा के जवाब के बाद उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल, जयपुर नगर निगम ग्रेटर में कार्यरत अधीक्षण अभियंता नितिन शर्मा को 3 दिसंबर को नगर निगम से कार्यमुक्त कर दिया गया था. कार्यमुक्त होने के दूसरे दिन अर्थात 4 दिसंबर को अधीक्षण अभियंता नितिन शर्मा ने नगर निगम कार्यालय के बाहर चाय की थड़ी पर शाम 5 बजे तक बैठकर फाइलों की डील की.
अधीक्षण अभियंता के रिलीव होने के बावजूद इस तरह से सार्वजनिक रूप से फाइल का निस्तारण करने का मामला मीडिया में उठा तो बात सरकार तक भी पहुंची. इसके बाद सोमवार को स्थानीय निकाय निदेशक दीपक नंदी की ओर से अधीक्षण अभियंता नितिन शर्मा को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा.
स्थानीय निकाय निदेशक की ओर से जारी नोटिस में कहा गया कि कार्यालय से मुक्त होने के बाद कार्यालय परिसर में इस तरह से फाइलों का निस्तारण करना, प्रशासनिक कार्य प्रणाली कार्यालय की गोपनीयता भंग करने और पद्य कर्तव्य के प्रति लापरवाही तथा अनुशासनहीनता की श्रेणी में शामिल होता है. दीपक नंदी ने अधीक्षण अभियंता को 3 दिन में नोटिस का जवाब देने के निर्देश दिए हैं, इसके बाद जवाब के आधार पर शर्मा के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
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