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इससे पहले, 4 जनवरी को हुई वार्ता बेनतीजा रही थी, क्योंकि किसान संगठन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े रहे. वहीं सरकार ‘समस्या’ वाले प्रावधानों या गतिरोध दूर करने के लिए अन्य विकल्पों पर ही बात करने पर जोर दिया.

फाइल फोटो.
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